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वैदिक ज्योतिष में स्वर सिद्धांत को विशेष महत्व दिया गया है। हिंदू धर्म में स्वर की शक्ति से देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जाता है, क्योंकि ध्वनि ब्रह्मांड की प्रमुख और प्रभावशाली ऊर्जाओं में से एक मानी जाती है। वास्तव में, सभी मंत्र भी स्वर सिद्धांत पर आधारित होते हैं।
राशि चक्र को वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्रों में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक नक्षत्र को चार भागों में बाँटा जाता है, जिन्हें पद कहा जाता है। केवल जन्म नक्षत्र जानना शिशु के सही नामकरण के लिए पर्याप्त नहीं होता। 108 स्वर समूहों में से सबसे उपयुक्त स्वर का चयन करने के लिए नक्षत्र के साथ-साथ पद की जानकारी भी आवश्यक होती है।